सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों की भरमार है। इनका उद्देश्य साधारण हंसी-मजाक करने से लेकर बड़ी हिंसा फैलाने तक कुछ भी हो सकता है। ये मैसेज केवल सरकारके लिए ही नहीं, बल्कि आम लोगों के लिए भी बड़ी मुसीबत साबित हो रहे हैं। इस तरह के मैसेज राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा हैं। यही वजह है किमंगलवार को एक मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को तीन सप्ताह के भीतर सोशल मीडिया पर फर्जी पोस्ट को नियंत्रित करने के निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सरकार से तीन सप्ताह में शपथ पत्र दाखिल करने को भी कहा है।